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Cell or battery

सेल या बैटरी सेल (cell):-  सेल एक ऐसी युक्ति है जो रासायनिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित कर देता है। बैटरी (Battery):-  सेलों के समूह को बैटरी कहा जाता है। एक सेल से उतना emf प्राप्त नही होता जितनी कि आवश्यकता होती है। इसलिए सेलों को संयोजित कर अधिक emf या विभवांतर प्राप्त किया जाता है। सेलों के इस प्रकार के संयोजन को ही बैटरी कहा जाता है। सेल के प्रकार (kinds of cell):- सेल दो प्रकार के होते है- प्राथमिक सेल ( primary cell) द्वितीयक सेल ( secondary cell) प्राथमिक सेल:-  ऐसा सेल जिसे पुनः आविष्ट (charge) नही किया जा सकता है उसे प्राथमिक सेल कहते है। प्राथमिक सेल में पदार्थ की रासायनिक क्रियाशीलता के बल पर विद्युत ऊर्जा प्राप्त की जाती है। जबतक पदार्थ की क्रियाशीलता कायम रहती है, तबतक सेल कार्य करता है। उदाहरण:- लेकलांचे सेल (शुष्क सेल), गल्वेनी सेल, आदि शुष्क सेल ( dry cell):-

विद्युत रासायनिक श्रेणी

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विद्युत रासायनिक श्रेणी (Electrochemical series) :- जब तत्वों को उनके मानक इलेक्ट्रोड विभव के आधार पर सजाते है तो उसे विद्युत रासायनिक श्रेणी कहा जाता है। कुछ तत्वों के मानक इलेक्ट्रोड विभव को अवरोही क्रम में नीचे की सारणी में दर्शाया गया है। विद्युत रासायनिक श्रेणी की उपयोगिता:- E 0 का मान जितना ही कम होता है, उस तत्त्व में आयन बनने की प्रवृत्ति उतनी ही अधिक होती है। जैसे Li के लिए E 0 का मान सबसे कम है इसलिए इसमें आयन में बदलने की प्रवृत्ति सबसे अधिक होती है। इस श्रेणी की सहायता से यह पूर्वानुमान लगाया जा सकता है कि कोई धातु किसी अम्ल के जलीय विलयन से H मुक्त कर सकती है या नहीं ।जिस तत्व के लिए E 0 का मान का मान शून्य से कम होगा अर्थात ऋणात्मक होगा  वह H मुक्त कर सकती है । इस सारणी की कोई भी धातु अपने नीचे वाले धातु को उसके लवण के विलयन से विस्थापित कर सकती है। इस सारणी की सहायता से तत्वों के ऑक्सिकारक और अवकारक शक्तियों का तुलनात्मक अध्ययन किया जा सकता है। E 0 का मान कम होने पर अवकारक शक्ति अधिक होती है इलेक्ट्रोड विभव की सहायता से रेडॉक्स अभिक्र...

वैद्युत रसायन 12th class chemistry chapter 3

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वैद्युत रसायन  भौतिक रसायन की वह शाखा जिसमे विद्युत ऊर्जा , रासायनिक ऊर्जा तथा इनके पारस्परिक संबंधों का अध्ययन किया जाता है उसे वैद्युत रसायन कहा जाता है।         इसके अंतर्गत दो प्रकार की अभिक्रियाओं का अध्ययन किया जाता है--- वैद्युत अपघटन (electrolysis) विद्युत रासायनिक अभिक्रिया (electrochemical reaction) वैद्युत अपघटन (electrolysis) किसी यौगिक की द्रवित अवस्था या विलयन की अवस्था मे विद्युत धारा प्रवाहित कर यौगिक को अपघटित करने की क्रिया को वैद्युत अपघटन अभिक्रिया कहा जाता है। वैद्युत अपघटन की क्रिया में विद्युत ऊर्जा खर्च की जाती है और रासायनिक अभिक्रिया सम्पन्न की जाती है। वैद्युत अपघटन की क्रिया एक वैद्युत अपघटनी सेल में कराई जाती है। विद्युत रासायनिक अभिक्रिया वह रासायनिक अभिक्रिया जिससे विद्युत की उत्पत्ति होती है तो उसे विद्युत रासायनिक अभिक्रिया कहा जाता है। इसकी चर्चा दूसरे लेख में किया जाएगा।         आगे बढ़ने से पहले हम कुछ महत्वपूर्ण बातों को जान लेते है ।  वैद्युत अपघट्य ( Electrolytes ) ...

SURFACE CHEMISTRY : ADSORPTION

पृष्ठीय रसायन ( SURFACE CHEMISTRY ): -       पृष्ठीय रसायन या भूतल रसायन   भौतिक   और रासायनिक   घटनाओं  का अध्ययन  है जो  दो इंटरफ़ेस में   संपन्न   में होता है  जिसमें ठोस  - तरल  इंटरफेस, ठोस गैस  इंटरफेस, ठोस निर्वात   इंटरफेस, और द्रव - गैस   इंटरफेस शामिल हैं।  इसमें सतह रसायन विज्ञान  और सतह भौतिकी  के क्षेत्र शामिल हैं  ।  कुछ संबंधित व्यावहारिक अनुप्रयोगों को सतह इंजिनीरिंग के  रूप में वर्गीकृत किया गया है  ।  विज्ञान इस तरह के विषम कटैलिसिस  जैसी अवधारणाओं को शामिल करता है  ,अर्धचालक उपकरण निर्माण , ईंधन कोशिकायें  ,  अधिशोषण (ADSORPTION) :-  ठोस पदार्थ के संपर्क में आने वाले द्रव या गैस के अणु  ठोस पदार्थ के पृष्ठ की और आकर्षित होकर उससे चिपक जाते है तो इस घटना को अधिशोषण कहते है | जैसे जब किसी ठोस  के महीन चूर्ण को किसी गैस में मिला दिया जाता है तब गैस के अणु तब...

Vapour pressure and Raoult`s law

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Chapter 2 Solution & Colligative Properties वाष्प दाब (Vapour pressure) : - एक निश्चित ताप पर साम्यावस्था में द्रव की सतह पर आरोपित वाष्प के दाब को वाष्प दाब (vapour pressure) कहा जाता है   वाष्प दाब का अवनमन (lowering of vapour pressure)  :- यदि किसी शुद्ध द्रव में एक अवाष्पशील विलय मिला दिया जाता है तो सामान ताप पर विलयन का वाष्प दाब शुद्ध द्रव अर्थात विलायक के वाष्प दाब से कम हो जाता है | इसे वाष्प दाब का अवनमन कहा जाता है | वाष्प दाब के  अवनमन का   कारण :- द्रव में अवाष्पशील विलय मिश्रित कर देने पर विलयन की सतह पर द्रव तथा विलय दोनों के अणु उपस्थित रहते है | अतः विलयन के सतह पर द्रव के अणुओं की संख्या घट जाती है |फलतः विलयन के सतह को पार करके वाष्प बनानेवाले विलायक के अणुओं की संख्या घट जाती है जिससे विलयन का वाष्प दाब कम हो जाता है | वाष्प दाब का आपेक्षिक अवनमन : - शुद्ध विलायक के सापेक्ष वाष्प दाब के अवनमन को वाष्प दाब का आपेक्षिक अवनमन  कहते है |                  ...

Valantine day

We should celebrate valantine day in own manner.