विद्युत रासायनिक श्रेणी

विद्युत रासायनिक श्रेणी (Electrochemical series):-जब तत्वों को उनके मानक इलेक्ट्रोड विभव के आधार पर सजाते है तो उसे विद्युत रासायनिक श्रेणी कहा जाता है। कुछ तत्वों के मानक इलेक्ट्रोड विभव को अवरोही क्रम में नीचे की सारणी में दर्शाया गया है।




विद्युत रासायनिक श्रेणी की उपयोगिता:-
  1. E0 का मान जितना ही कम होता है, उस तत्त्व में आयन बनने की प्रवृत्ति उतनी ही अधिक होती है। जैसे Li के लिए E0 का मान सबसे कम है इसलिए इसमें आयन में बदलने की प्रवृत्ति सबसे अधिक होती है।
  2. इस श्रेणी की सहायता से यह पूर्वानुमान लगाया जा सकता है कि कोई धातु किसी अम्ल के जलीय विलयन से H मुक्त कर सकती है या नहीं ।जिस तत्व के लिए E0 का मान का मान शून्य से कम होगा अर्थात ऋणात्मक होगा  वह H मुक्त कर सकती है ।
  3. इस सारणी की कोई भी धातु अपने नीचे वाले धातु को उसके लवण के विलयन से विस्थापित कर सकती है।
  4. इस सारणी की सहायता से तत्वों के ऑक्सिकारक और अवकारक शक्तियों का तुलनात्मक अध्ययन किया जा सकता है। E0 का मान कम होने पर अवकारक शक्ति अधिक होती है
  5. इलेक्ट्रोड विभव की सहायता से रेडॉक्स अभिक्रिया के होने और न होने का पूर्वानुमान लगाया जा सकता है। इस श्रेणी के कोई भी अवकारक अपने से नीचे के ऑक्सिकारक से अभिक्रिया कर सकता है। अर्थात जिन तत्वों के युग्म के लिए इलेक्ट्रोड विभव का मान धनात्मक होता है वह अभिक्रिया होगी ।
  6. धातु के ऑक्साइड के उष्मीय स्थायित्व की जानकारी मिलती है । जैसे जैसे E0 का मान का मान बढ़ता  है वैसे वैसे ऑक्साइड का स्थायित्व भी बढ़ता है। जैसे Na2O का उष्मीय स्थायित्व  Ag2O से अधिक होता है।
  7. वैद्युत अपघटन का प्रभाव:- जिस तत्त्व का E0 का मान उच्च होता है वही कैथोड पर पहले मुक्त होता है।
// सेल का विद्युत वाहक बल (emf) :- ऑक्सीकरण विभव और अवकरण विभव के बीजगणितीय योगफल को सेल का विद्युत वाहक बल emf कहते है।अर्थात
        E0  or emf of cell = Eox + Ered 
या  
        E0  or emf of cell = Ec0 - Ea0
या  
        E0  or emf of cell = ER0 - EL0

वैद्युत अपघटनी सेल एवम विद्युत रासायनिक सेल में अंतर -------

सेल का निरूपण :-
  1. प्रचलन के अनुसार, सेल के एनोड को बाई ओर तथा कैथोड को बाई ओर लिखते है।इस सेल के emf का मान हमेशा धनात्मक होता है।
  2. एनोड एवम कैथोड को अलग अलग दिखाने के लिए उनके विलयनों के बीच दो उदग्र रेखाएं (||) खींच देते है।
  3. धातु और इसके विलयन के संपर्क को एक उदग्र रेखा (|) रेखा खींच देते है।जैसे 
Zn | ZnSO|| CuSO4 | Cu
  1. यदि इलेक्ट्रोड का कोई तत्व गैसीय हो या तत्व के ऑक्सीकृत और यवक्रीत रूप एक ही विलयन में हो तो इलेक्ट्रोड में अक्रिय धातु Pt का व्यवहार किया जाता है। जैसे 
Pt, H2  (g) | H+
Pt | Fe++,Fe+++. 
ये भी देखें

अधिशोषण

वाष्प दाब एवं Rault's का नियम

वैद्युत रसायन : परिचय


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