Mendel`s Laws Of Inheritance

Mendel`s Laws Of Inheritance


मेंडल ने एक संकर क्रॉस तथा द्विसंकर क्रॉस के परिणामो के आधार पर चार नियमों का प्रतिपादन किया जिसे मेंडल के वंशागति के नियम कहा जाता है | ये चार नियम निम्नलिखित है :--

  1. इकाई लक्षण का नियम  ( Law of Unit Characters )
  2. प्रभाविता के नियम  ( Law of Dominance )
  3. पृथक्करण या विसंयोजन के नियम  ( Law of Segregation )
  4. स्वतंत्र संकलन या अपव्यूहन के नियम  ( Law of Independent Assortment )


 इकाई लक्षण का नियम  ( Law of unit characters )


इस नियम के अनुसार  "किसी भी जीव में अनेक व्यतिगत लक्षण होते है | प्रत्येक व्यक्तिगत लक्षण एक दुसरे से स्वतंत्र होते है तथा एक दुसरे पर आधारित नहीं रहता है एवं ये एक दुसरे से स्वतंत्र हो कर एक पीढ़ी से दुसरे पीढ़ी में संचारित होते है |" जैसे किसी पौधे का लम्बा होना या बौना होना एक इकाई लक्षण है जो जींस ( T या t ) द्वारा निर्धारित होता है | इसी प्रकार फल को पीला होना या हरा होना भी एक इकाई लक्षण है |

  प्रभाविता के नियम  ( Law of Dominance )


इस नियम के अनुसार " जब दो विपरीत एलील किसी जीवधारी में एक साथ आते हैं तो उनमे से केवल एक बाह्य रूप से दिखाई देता है और दूसरा दबा हुआ रहता है अर्थात दूसरे एलील का प्रभाव दिखाई नहीं देता है | दिखाई देने वाले लक्षण को प्रभावी (Dominant) तथा नहीं दिखाई देने वाले लक्षण को अप्रभावी (recessive) कहा जाता है |"  जैसे मटर के पौधे में लम्बा एलील प्रभावी है तथा बौना एलील अप्रभावी है |

*व्याख्या :- लम्बाई  के लिए मटर के पौधे  में  दो एलील , लम्बा ( T ) एवं बौना ( t ) होते है | जब  लम्बे (TT)  पौधे को बौने (tt) पौधे से संकर कराया गया तो पहली पीढ़ी में सभी पौधे लम्बे प्राप्त हुए | इस प्रकार पहली पीढ़ी में सिर्फ एक ही एलील बाह्य रूप से दिखाई   देता है जिसे प्रभावी कहा जाता है जबकि दूसरा एलील बाह्य रूप से दिखाई नहीं देता है जिसे अप्रभावी कहा जाता है |


ये भी  देखें। ...
1.सहप्रभाविता (Codominance)

 पृथक्करण या विसंयोजन के नियम  ( Law of Segregation )


इस नियम के अनुसार " जब विपरीत लक्षण के जोड़ें को क्रॉस कराया जाता है तो गैमीट बनते समय एक जोड़ी के एलील एक दुसरे से अलग हो जाते है |" अर्थात  प्रत्येक gamete में दो में से केवल एक ही एलील रहता है यानि युग्मक अपने आप में शुद्ध होता है |

व्यख्या :-  प्रत्येक जीवधारी द्विगुणित होता है जिसमे प्रत्येक लक्षण के लिए दो एलील होते है | युग्मक निर्माण के समय अर्ध सूत्री विभाजन होता है इसलिए इसमें अर्थात युग्मक में केवल एक ही एलील पाया जाता है |

स्वतंत्र संकलन या अपव्यूहन के नियम  ( Law of Independent Assortment )


द्विसंकर क्रॉस के आधार पर मेंडल ने स्वतंत्र संकलन या अपव्यूहन के नियम  ( Law of Independent Assortment ) का प्रतिपादन किया | इस नियम के अनुसार " जब दो या दो से अधिक विपरीत जोड़ों के एलील को एक साथ लेकर क्रॉस कराया जाता है तो पहले का प्रभावी एलील  दुसरे के केवल प्रभावी एलील  से ही नहीं मिलता है बल्कि अप्रभावी से भी मिलता है | इसी प्रकार पहले के अप्रभावी एलील दुसरे के अप्रभावी एलील से ही नहीं मिलता है बल्कि प्रभावी से भी मिलता है | अर्थात युग्मविकल्पी लक्षणों के जोड़ों का स्वतंत्र अपव्युहन होता है या एक युग्मविकल्पी लक्षण के जोड़ों का अपव्यूहन दुसरे से स्वतंत्र होता है |"

व्याख्या :- मेंडल ने जब प्रभावी पीला तथा गोल (YYRR) का संकरण अप्रभावी हरा तथा झुर्रीदार (yyrr) के साथ कराया तो चार  प्रकार पौधे उत्पन्न हुए | जिनमे  दो नए प्रकार के पौधे थे ......
  1. पीला और गोल  2. पीले और झुर्रीदार    
  3.  हरे और गोल    4.  हरा और झुर्रीदार 
इस प्रकार हम देखते है की 'गोल' लक्षण 'पीला' लक्षण  से स्वतंत्र है तथा इन दोनों की वंशागति एक दुसरे से स्वतंत्र  है | गोल पीला से मिलने के साथ साथ हरा से भी मिलता है | इसी प्रकार हरा लक्षण और झुर्रीदार लक्षण भी एक दुसरे से स्वतंत्र है | झुर्रीदार लक्षण हरा लक्षण के साथ साथ पीला लक्षण से भी मिलता है |

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